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तन्हाई में खोया, अकेला हूँ मैं | Judai Aur Tanhai Ki Dastaan | Sad Ghazal | दर्द भरी ग़ज़ल

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चाँद पागल है अँधेरे में निकल पड़ता है…” इसीलिए शायद सच्चाई का रास्ता लम्बा होता है। वक्त के बदल जाने से इतनी तकलीफ नही होती है, बस मेरी ही तन्हाई उसे दिखाई नहीं देती। मोहब्बत की इसी मिट्टी को हिंदुस्तान कहते हैं…” तन्हाई की रातों में, दिल की बातें कहता https://youtu.be/Lug0ffByUck

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